August 5, 2025

छत्तीसगढ़ में ई-केवाईसी अनिवार्य: 30 जून तक नहीं कराया अपडेट, तो जुलाई से नहीं मिलेगा राशन!

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रायपुर।छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के राशन कार्ड धारकों के लिए बड़ा निर्णय लेते हुए ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, जिन लाभार्थियों ने 30 जून 2025 तक अपने राशन कार्ड की ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं की है, उन्हें आगामी माह से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत राशन उपलब्ध नहीं कराया जाएगा।

प्रदेश सरकार द्वारा राशन कार्ड को डिजिटल पहचान से जोड़ने की प्रक्रिया तेजी से चलाई जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य लाभार्थियों की सत्यता सुनिश्चित करना तथा फर्जी, मृत या एक से अधिक राशन कार्ड रखने वालों की पहचान कर उन्हें सूची से हटाना है। ई-केवाईसी प्रक्रिया के तहत आधार कार्ड को राशन कार्ड से लिंक किया जाता है और मोबाइल नंबर अथवा बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से सत्यापन किया जाता है।

खाद्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब तक कुल 81 लाख 66 हजार 887 राशन कार्ड जारी किए जा चुके हैं। इनमें से लगभग 34 लाख 95 हजार 58 राशन कार्ड धारकों ने अब तक ई-केवाईसी नहीं कराया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर डिजिटल सत्यापन पूरा नहीं होता, तो संबंधित राशन कार्ड रद्द कर दिए जाएंगे और उन पर खाद्यान्न वितरण रोक दिया जाएगा।

राजधानी रायपुर में भी स्थिति चिंताजनक है। यहां कुल 22.31 लाख सदस्य राशन प्रणाली से जुड़े हुए हैं, जिनमें से केवल 18.77 लाख का ही ई-केवाईसी पूर्ण हो पाया है। शेष 3.53 लाख से अधिक कार्डधारकों का सत्यापन अब भी लंबित है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार, रायपुर में लगभग 84.32 प्रतिशत लाभार्थियों ने प्रक्रिया पूरी कर ली है, जबकि 15.87 प्रतिशत का सत्यापन अब भी अधूरा है।

सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि 30 जून के बाद किसी भी प्रकार की अतिरिक्त छूट नहीं दी जाएगी। यह अंतिम अवसर है, जिसके पश्चात राशन कार्ड को अपात्र घोषित कर खाद्यान्न वितरण बंद कर दिया जाएगा। विभाग ने जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश जारी कर ई-केवाईसी प्रक्रिया में तेजी लाने और आम जनता को समय पर सूचना देने के लिए कहा है।

ई-केवाईसी के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि केवल वास्तविक, जीवित और पात्र लाभार्थियों को ही राशन उपलब्ध हो। इससे न केवल वितरण प्रणाली में पारदर्शिता आएगी, बल्कि सरकारी संसाधनों का सही उपयोग भी सुनिश्चित हो सकेगा।

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