ब्रेकिंग न्यूज़- प्रिंसिपल और टीचर की बेरहम पिटाई से टूटी छात्रा, फांसी पर झूल गई.. अब घटना को दबाने का प्रयास बिलासपुर/बेलतरा-कक्षा 9 की छात्रा ने की आत्महत्या, शरीर पर डंडों के गहरे निशान मिले।

आजाद भारत न्यूज़- स्कूल में शिक्षक व प्रिंसिपल द्वारा बाल पकड़कर घसीटना और डंडों से पिटाई करने का आरोप; परिजनों पर दबाव डालने की भी कोशिश; रतनपुर पुलिस ने पंचनामा कर मामला दर्ज किया।
बिलासपुर/बेलतरा — ग्राम नवसा के सीता देवी स्कूल में कक्षा 9 की छात्रा “आरती” (काल्पनिक नाम) ने शिक्षक और प्रिंसिपल की बेरहम प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली।
छात्रा को सभी छात्रों के सामने बाल पकड़कर घसीटा गया और डंडों से पीटा गया। पुलिस जांच में शरीर पर गहरे चोटों के निशान पाए गए हैं।

सार्वजनिक अपमान और बेरहम मारपीट
सोमवार को शिक्षक आशीष रात्रि ने छात्रा को कक्षा में बुलाकर 11वीं के छात्र पप्पू वर्मा के सामने खड़ा किया। कथित संबंधों को लेकर पहले गाली-गलौज की, फिर छात्रा को बाल पकड़कर पूरे स्कूल के सामने घसीटते हुए प्रिंसिपल रमेश साहू के कक्ष में ले गया। वहां भी डंडों से बेरहमी से मारपीट की गई। गवाह छात्रों ने बताया कि बच्ची की चीखें पूरे परिसर में गूंज रही थीं।
शरीर पर चोटों के गहरे निशान
पुलिस जांच में स्पष्ट हुआ कि छात्रा के शरीर पर डंडों की चोटों के गहरे निशान हैं। गले पर फंदे का निशान होने के साथ ही पीठ और बाजुओं पर चोटें साफ दिखाई दीं। सार्वजनिक रूप से हुई इस प्रताड़ना ने बच्ची को मानसिक रूप से तोड़ दिया।
शाम को आत्महत्या
घटना के बाद छात्रा घर लौटी और कमरे में खुद को बंद कर लिया। शाम करीब 6 बजे जब परिजनों ने दरवाजा खोला तो वह दुपट्टे से फांसी पर झूलती मिली। गांव में मातम फैल गया।
सरकारी शिक्षक और निजी साम्राज्य
जानकारी के अनुसार, स्कूल का संचालन सरकारी शिक्षक रमेश साहू की पत्नी करती है। रमेश साहू खुद सरकारी नौकरी पर पदस्थ हैं, लेकिन अपने स्कूल में पढ़ाने नहीं जाते। वे निजी सीता देवी स्कूल और बिहार साहू कॉलेज का संचालन करते हैं। उनका भाई उमेश साहू ग्राम नवसा का सरपंच है। दोनों भाइयों का क्षेत्र में इतना दबदबा है कि अधिकारी भी कार्रवाई से कतराते हैं।
पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश
घटना की जानकारी मिलते ही रतनपुर पुलिस मौके पर पहुँची। आरोप है कि रमेश साहू और उसके भाई ने मामले को दबाने की कोशिश की। ग्रामीणों और परिजनों पर पैसे लेकर चुप रहने का दबाव बनाया गया, यहां तक कि पुलिस पर भी दबाव डालने की कोशिश की गई। लेकिन छात्रा के शरीर पर चोटों और फंदे के निशान देखने के बाद पुलिस ने पंचनामा तैयार कर केस दर्ज किया।
गरीब पिता की न्याय की गुहार
छात्रा के पिता (किसान) ने कहा – “हम गरीब हैं, हमारी कोई सुनता नहीं। लेकिन हमें भरोसा है कि कानून हमारी बेटी को न्याय दिलाएगा।”
ग्रामीण और परिजन घटना की निष्पक्ष जांच, आरोपी शिक्षक व प्रिंसिपल की तत्काल निलंबन, परिवार को सुरक्षा और मुआवज़ा, तथा स्कूल में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की मांग कर रहे हैं।