दोगुना बिजली बिल, सरकार के खिलाफ जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों का गुस्सा। “स्मार्ट मीटर के नाम पर जनता से डकैती कर रही भाजपा सरकार – संदीप शुक्ला”

बेलगहना में पूर्व जनपद अध्यक्ष संदीप शुक्ला ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना, कहा – “गरीब की जेब पर डाका डाल रही है सरकार”
बेलगहना।कोटा/आजाद भारत न्यूज़
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के खिलाफ आम जनता का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। अब स्मार्ट मीटर के नाम पर दोगुने-तिगुने बिजली बिल ने आग में घी डालने का काम किया है। बेलगहना क्षेत्र में हजारों के फर्जी बिल थमाए जाने से ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। पूर्व जनपद अध्यक्ष संदीप शुक्ला महिलाओं और ग्रामीणों के बड़े समूह के साथ विद्युत वितरण केंद्र बेलगहना पहुंचे और जोरदार विरोध दर्ज कराया।
मजदूर परिवारों पर भारी बोझ
संदीप शुक्ला ने कहा कि जो लोग दिन-रात मेहनत मजदूरी कर 200-300 रुपए प्रतिदिन कमाते हैं, उनके घरों में 15,000 से 50,000 रुपए तक के बिजली बिल आ रहे हैं। यह पूरी तरह फर्जी और जनता के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा —
“सरकार बनने के बाद भाजपा ने तीन बार बिजली दरें बढ़ाईं। कांग्रेस सरकार की 400 यूनिट तक आधा बिल वाली योजना को बंद कर दिया। गरीब परिवार अब समझ नहीं पा रहे हैं कि बच्चों का पेट भरें या बिजली बिल चुकाएँ।”

सरकार की योजनाओं पर तंज
शुक्ला ने महतारी वंदन योजना को लेकर सरकार पर तीखा तंज कसते हुए कहा —
“एक तरफ सरकार महिलाओं को 1,000 रुपये दे रही है और दूसरी तरफ बिजली बिल के नाम पर उनसे कई गुना वसूल कर रही है। यह सीधा-सीधा जनता की जेब काटने का खेल है। भाजपा का सुशासन जनता के लिए बोझ बन चुका है।”
महिलाओं की नारेबाजी, ग्रामीणों का समर्थन
बिजली कार्यालय पहुंची महिलाओं और ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि भाजपा सरकार गरीबों की कमर तोड़ रही है। उनका कहना था कि बिजली बिल उनके घर के खर्च से कहीं ज्यादा है।
ग्रामीण महिला ने आक्रोश में कहा —
“हम दिनभर मजदूरी करके दो वक्त की रोटी खाते हैं। अब हजारों का बिल कहां से देंगे? अगर बिल कम नहीं हुआ तो हम सब मिलकर आंदोलन करेंगे।”

15 दिन का अल्टीमेटम
संदीप शुक्ला ने विभागीय अधिकारियों से चर्चा के बाद साफ चेतावनी दी कि अगर 15 दिनों के भीतर बढ़े हुए बिजली बिल सुधारे नहीं गए, तो कार्यालय का घेराव किया जाएगा। साथ ही जबरन लगाए गए स्मार्ट मीटर उखाड़कर फेंके जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके बाद की पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
ग्रामीणों में भारी आक्रोश
ग्रामीणों का कहना है कि भाजपा सरकार ने उन्हें राहत देने की जगह मुसीबतें थमा दी हैं। महंगाई, बेरोजगारी और अब बिजली बिल के बोझ ने उनका जीवन असहनीय बना दिया है।
लोग कह रहे हैं कि “भाजपा सरकार के आने के बाद गरीब और गरीब होता जा रहा है। यह सरकार केवल अमीरों की जेब भरने के लिए काम कर रही है।” हम ऐसे सरकार के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे।