October 17, 2025

जंगल में अवैध कटाई का पर्दाफाश! वन विकास निगम की सतर्कता और वन विभाग की संयुक्त कार्यवाही से मिली सफलता।

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वन विभाग और वन विकास निगम की टीम ने की बड़ी कार्रवाई, मोटरसाइकिल-आरी-लठ्ठे जब्त

बेलगहना।कोटा।बिलासपुर- आजाद भारत न्यूज़ लाइव-

वन विकास निगम लिमिटेड की टीम रात को नियमित पेट्रोलिंग पर थी। इसी दौरान नंदकिशोर सिंह, रवि जगत, अरविंद बंजारे एवं शमूएल तिग्गा ने रात करीब 1:30 बजे जंगल में संदिग्ध गतिविधियों को देखा। मौके पर ही संदिग्ध लोग अवैध कटाई का कार्य कर रहे थे। टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए वन विभाग की टीम को सूचना दी। इसके बाद संयुक्त दबिश दी गई और आरोपियों को पकड़ लिया गया।     वन मंडल अधिकारी के निर्देशानुसार एवं उपवन मंडल अधिकारी के उचित मार्गदर्शन तथा परिक्षेत्र अधिकारी बेलगहना के नेतृत्व में वन क्षेत्र में लगातार बढ़ रही अवैध कटाई पर लगाम कसने के लिए वन विभाग और वन विकास निगम की संयुक्त टीम ने कक्ष क्रमांक 2471 एवं 2472 में दबिश देकर बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया। मुखबिर से मिली गुप्त सूचना के आधार पर की गई इस कार्यवाही में टीम ने मौके से भारी मात्रा में लकड़ी और अवैध गतिविधियों में प्रयुक्त सामग्री जब्त की।

कार्रवाई के दौरान 2 मोटरसाइकिल (कीमत ₹1,20,000), 2 नग हाथ आरा, 1 नग बढ़ई आरी, कुल 21 नग लठ्ठे और 1 नग बल्ली बरामद किए गए। जब्त लकड़ी की मात्रा 1.792 घनमीटर आँकी गई है, जिसकी कुल कीमत ₹97,161 है। इस प्रकार वन संपदा की कुल हानि का आकलन ₹97,161 किया गया।

संयुक्त कार्यवाही में विशेष योगदान

वन विकास निगम टीम : रेंजर रवि जगत, डिप्टी रेंजर अरविंद बंजारे एवं शमुएल तिग्गा

वन विभाग, बेलगहना परिक्षेत्र : डिप्टी रेंजर शिवकुमार पैकरा

स्टाफ : पंकज साहू, संत कुमार वाकरें, सोमप्रकाश, जय सिंधू, ललेंद्र खूंटे और नंदकिशोर सिंह

टीम ने मौके पर अवैध परिवहन और व्यापारिक उपयोग की दृष्टि से कटाई की गतिविधि को रोकते हुए तुरंत जब्ती की कार्रवाई की।

वन विकास निगम के कर्मचारी से बातचीत में उन्होंने बताया कि,- नंदकिशोर सिंह-(वन विकास निगम लिमिटेड)
“हमें रात गश्त पेट्रोलिंग में संदिग्ध युवक दिखे। हमने उनका पीछा किया और देखा कि वे लकड़ी तस्करी कर रहे हैं। तुरंत वन विभाग को सूचना देते हुए उन्हें पकड़ लिया गया।” 2 युवकों को पकड़ा गया है। जांच जारी है….

वन विभाग का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी और जंगल की संपदा को नुकसान पहुँचाने वालों के खिलाफ किसी भी तरह की रियायत नहीं बरती जाएगी।

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